चेन्नई
...
डूब रही है चेन्नई,है सड़कों पर चलती नाव
पानी पानी घर-घर फैला, दूध न रत्ती पाव
...
बातें बढ़ चढ़ करते, कोड़ी भी न देते दान
राजा रंक सब समान, हवा ने बचाई जान
...
रोटी पानी हवा मूल है, बाकी सब है बेकार
विपदा जब आये कभी,मन ईश करे पुकार
...
जात धरम सब बाद में,बचना है पहला धर्म
डूबी जा रही चेन्नई, यह है इन्सानों का कर्म
...
असली धर्म तब दिखे, करते है जब सूकर्म
भजन आरती फिर करें,पहले मानवी धर्म
...
राजा रंक फकीर की, आज असल परीक्षा
कौन कितना है भला, किसकी सही शिक्षा
...
मन खुला घर खुला, करते मन से जो सेवा
मौका मिला है आज यह, पुण्य बटोरे मेवा
...
देवदूत से बनकर उतरे, सेना के वीर जवान
बच्चा बूढ़ा औरत आदमी, माने. एक समान
...
युवा और उत्साही जन, करे जो मदद हजार
खाली गाल बजा रहे,निर्बल मत हिम्मत हार
...
नेता अभिनेता नाटक करते,बातें गोलमटोल
दुःख आता तो करे पलायन,खुद ही अनमोल
...
रुपया पैसा भरा रहा, माँगे बस दाना पानी
छप्पर महल एक हुए, बरसा निरन्तर पानी
...
सेवा आज की स्वर्ण सी, बढ़े चमक दिन रात
ऊपर वाले सब देखकर,रहे मंद मंद मुस्कात
...
मदद मानवीय करता है, होता है वो इंसान
जीव जगत में खातिर वह, पाता है सम्मान
...
कर भलाई नाम कर,यह मौका है इस बार
फिर न समय न साथ है,मन पर रहेगा भार
...
डूबा घर फिर बन लेगा, चाँदी सोना आएगा
जिन्दगानी दूजी बचा,सुखद अनुभव पाएगा
...
दुःख की घड़ी में इन्सान,आता इन्सां के काम
होता न कम भगवान से,कम देवदूत का नाम
...
राग द्वेष सब बह गए,जो सच्चा हृदय इन्सान
ओढ़ लबादा ज्ञान का, वो पाखण्डी है इन्सान
...
सुख दुःख में शामिल हो, सुखद बड़ा परिवार
'मोहन' ऐसे गाँव देश को,मानता सब संसार
#jangidml@yahoo.com 20151203
संदर्भ..चेन्नई में गत बीस दिनों से बारिश एवं बाढ़ से जनजीवन त्रस्त. सौ साल का रिकार्ड टूटा.
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डूब रही है चेन्नई,है सड़कों पर चलती नाव
पानी पानी घर-घर फैला, दूध न रत्ती पाव
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बातें बढ़ चढ़ करते, कोड़ी भी न देते दान
राजा रंक सब समान, हवा ने बचाई जान
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रोटी पानी हवा मूल है, बाकी सब है बेकार
विपदा जब आये कभी,मन ईश करे पुकार
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जात धरम सब बाद में,बचना है पहला धर्म
डूबी जा रही चेन्नई, यह है इन्सानों का कर्म
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असली धर्म तब दिखे, करते है जब सूकर्म
भजन आरती फिर करें,पहले मानवी धर्म
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राजा रंक फकीर की, आज असल परीक्षा
कौन कितना है भला, किसकी सही शिक्षा
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मन खुला घर खुला, करते मन से जो सेवा
मौका मिला है आज यह, पुण्य बटोरे मेवा
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देवदूत से बनकर उतरे, सेना के वीर जवान
बच्चा बूढ़ा औरत आदमी, माने. एक समान
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युवा और उत्साही जन, करे जो मदद हजार
खाली गाल बजा रहे,निर्बल मत हिम्मत हार
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नेता अभिनेता नाटक करते,बातें गोलमटोल
दुःख आता तो करे पलायन,खुद ही अनमोल
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रुपया पैसा भरा रहा, माँगे बस दाना पानी
छप्पर महल एक हुए, बरसा निरन्तर पानी
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सेवा आज की स्वर्ण सी, बढ़े चमक दिन रात
ऊपर वाले सब देखकर,रहे मंद मंद मुस्कात
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मदद मानवीय करता है, होता है वो इंसान
जीव जगत में खातिर वह, पाता है सम्मान
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कर भलाई नाम कर,यह मौका है इस बार
फिर न समय न साथ है,मन पर रहेगा भार
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डूबा घर फिर बन लेगा, चाँदी सोना आएगा
जिन्दगानी दूजी बचा,सुखद अनुभव पाएगा
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दुःख की घड़ी में इन्सान,आता इन्सां के काम
होता न कम भगवान से,कम देवदूत का नाम
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राग द्वेष सब बह गए,जो सच्चा हृदय इन्सान
ओढ़ लबादा ज्ञान का, वो पाखण्डी है इन्सान
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सुख दुःख में शामिल हो, सुखद बड़ा परिवार
'मोहन' ऐसे गाँव देश को,मानता सब संसार
#jangidml@yahoo.com 20151203
संदर्भ..चेन्नई में गत बीस दिनों से बारिश एवं बाढ़ से जनजीवन त्रस्त. सौ साल का रिकार्ड टूटा.
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