माँ
- सूना है इसके बिना परिवार , माँ बिना नहीं है संसार
- माँ की ममता का नहीं है मोल , पैसे से न इसको तौल
- निश्वार्थ है माँ का प्यार, वो ही कराती भव सागर पार
- माँ दे सकती अपनी जान, अरे नादाँ तू मत कर अपमान
- भूखी प्यासी दुर्बल माता , होकर बड़ा तू भूल क्यों जाता
- मान-सेवा ना कोई चाहत , रूखे बोल से होती वो आहत
- इससे बड़ा न कोई दाधीच , रिणी बहुत तू ना आँखे मींच
- स्वर्ग न मिलेगा माँ बिना , आशीर्वाद जब तक ना इसका मिला
- ईश भी झुकता माँ के आगे, मांग ले तू जो कुछ भी मांगे
- संस्कार शिक्षा है इसकी देन, समझ ले इसके बिन बोले नैन
- धरती छोटी आकाश भी छोटा, माँ का दिल कभी ना खोटा
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