एक व्यक्ति तूफानी बारिश में भीगता हुआ परचून की दूकान पर पहुँच कर कहता है- अरे ! भाई साहब , एक किलो चीनी....एक किलो मूंग दाल.....एक किलो देशी घी और..... आधा किलो पीसी मिर्च और धनिया ...अच्छा एक ब्रेड का पैकेट भी दे देना ......"
"साहब, जरा धीरे तो बोलो ...एक ही सांस में सारी लिस्ट बता दी ", दुकानदार बोला-" ज़रा एक बार रिपीट तो कर दो ताकि सारा सामान पैक करा दूँ ."
उस व्यक्ति ने लिस्ट दुबारा रिपीट करते हुए कहा - " जल्दी से दे दो सामान .... मैं जल्दी में हूँ ...देखते नहीं कि कितनी तेज बारिश आ रही है ?"
" हाँ , यह मैं जानता हूँ.... यह भी जान गया कि ये सामान आपकी बीबी ने मंगाया होगा. "
" अरे ! आप तो मुझे जानते ही नहीं परन्तु ये कैसे पता लगा कि ये सामान बीबी ने ही मंगाया है या माँ ने ?"
" साहब ! इतना तो मैं भी जानता हूँ ...इतनी तेज बारिश में माँ इस सामान के लिए नहीं भेज सकती. बीबी ही बारिश तूफान में पति को सामान के लिए लिस्ट थमा सकती है."
बेचारा ग्राहक शर्मिंदा भी हुआ और मन ही मन दुकानदार के अनुभव से चकित भी हुआ.घर लौटते वक्त बरसात की बूंदे एक नया ही अनुभव करा रही थी.
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