0321 स्पंदन : होली
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संस्कृति-प्रकृति एक हुई, रंगों में मिले रंग
रंग-पिचकारी गुलाल उड़े,गीत प्रीत में चंग
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©jangidml
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संदर्भ : होली। संस्कृति की रंगमय छटा। फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को होलिका दहन और पूर्णिमा को धुलेड़ी। रंग, अबीर, गुलाल आदि से जल, थल और नभ रंगीन हो जाता है। एक दूसरे को रंग आदि लगाते हुए लोग प्रसन्नचित होते है। उत्साह-उमंग का त्योहार। बच्चे-बूढ़े, युवा-प्रौढ़, लड़के-लड़की आदि सभी रंगों से सरोबार।
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