0507* स्पन्दन : अक्षय तृतीया
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अक्षय तृतीया शुभ बने, अकूत भरा भण्डार
मिलती खुशियाँ सदा रहे, हो हरा भरा संसार
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पानी पवन अन्न मिले, सबको शुद्ध बराबर
जीवन सबका सहज रहे, शान्तिमय चराचर
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©jangidml
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सन्दर्भ : अक्षय तृतीया या आखातीज, वैशाख शुक्लपक्ष तीज*।अक्षय का तात्पर्य क्षय के बिना। भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण दिवस। अत्यंत शुभ मुहूर्त। नये कार्य, वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश आदि का शुभ मुहूर्त। भगवान परशुराम का अवतरण भी इसी दिन हुआ। विशेषतः किसान वर्ग आने वाले साल के मौसम का पूर्वानुमान "शगुन" के माध्यम से करते हैं। यह समय गर्मी मौसम के आगमन का दिन भी।
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May 6, 2019
0507* अक्षय तृतीया Akshay Tritiya
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